Monday, January 10, 2022

वक्त

 


फितरत है वक्त की,बदलते रहने की,

जो भी है , जैसा भी है - बदल जायेगा ,

कर्मों की धूणी हैं और किस्मत की झोली ,

धैर्य रख , इक दिन सबका आयेगा। 

 

ठहरता कहाँ है किसी एक के पास ,

इसके तराजू में हरेक तोला जायेगा ,

मुलाकात तय है कर्मों और किस्मत की ,

हिम्मत रख , तेरे हिस्से का तुझे मिल जायेगा।