Friday, April 26, 2019

नन्ही चिड़िया



नन्ही चिड़िया ढूंढ रही , 
कहीं तो मिले उसे छाँव , 
पेड़ो की डालियाँ कट गयी , 
बेचारी अब कहाँ जाय।  

पोखर , तालाब 
नदी ,  नाले सब सुख गए , 
कहाँ तक अब पंख फड़फड़ाय , 
बेरहम सूरज कुछ तो तरस खा , 
अब ये नन्ही चिड़िया कहाँ जाये। 

आग बरसा रही किरणे , 
धरती बन रही शोला , 
घर के मुंडेर रहे नहीं अब , 
कहाँ अब अपना घौंसला बनाये , 
अब ये नन्ही चिड़िया कहाँ जाये।

उड़ने से पहले सोचे , 
कहीं कोई डाल मिल जाये , 
दूर तक फैला बंजर , 
इस तपती गर्मी में , 
नन्हे पँख झुलस जाय, 
अब ये नन्ही चिड़िया कहाँ जाये।

किससे अपना दर्द कहें , 
कुछ समझ न आये , 
मृगतृष्णा सी प्यास उसकी , 
दूर दूर भटकाये ,
अब ये नन्ही चिड़िया कहाँ जाये।

बनाओ तुम अट्टालिकाएं , 
करो प्रकृति से खिलवाड़ , 
वृक्ष न बचेंगे धरा पर गर तो , 
तुम्हारा भी होगा ऐसा ही हाल , 
सोचो और बताओ , 
अब ये नन्ही चिड़िया कहाँ जाये।

Wednesday, April 17, 2019

प्राइवेट कर्मचारी


घुटती ज़िन्दगी ,
बेदम साँसे ,
लड़खड़ाते कदम ,
टूटते शब्द
उनींदी  ऑंखें
आँखों के नीचे घेरे ,
माथे पर बल ,
लटका हुआ चेहरा ,
आधे अधूरे सपने ,
दौड़ता भागता जिस्म ,
थोड़ा छटपटाहट ,
थोड़ा बेचैनी ,
आधा अधूरा विश्वास ,
नकली सी हँसी ,
घबराया मन ,
कंधे पर लटकता बैग ,
हाथ में टिफ़िन ,
बड़बड़ाता मुँह ,
घडी पर नजर ,
ऑफिस से आता हुआ ,
एक प्राइवेट कर्मचारी।


Image source - Google 

Sunday, April 7, 2019

मताधिकार - जनाधिकार





लोकतंत्र का आधार ,
मताधिकार - जनाधिकार ,
सोच विचारकर बटन दबाना ,
होगा इससे ही भविष्य साकार। 

सियासत की ये कुँजी ,
एक एक मत जरुरी ,
जनता की , जनता द्वारा , जनता से सरकार बने ,
लोकतंत्र की पूँजी । 

सुनना सबकी ,
करना मन की ,
देश प्रगति पथ पर आगे बढ़े ,
यह ध्यान रखना है जरुरी । 

उठो , जागो और विचारो ,
लोकतंत्र का ये महापर्व है ,
अगले पाँच वर्षो का भविष्य
आपके वोट से ही तय होना है। 


Tuesday, April 2, 2019

बढ़ती उम्र


बढ़ती उम्र का शुक्रिया , 
बहुत कुछ तजुर्बा दिया , 
ज़िन्दगी को समझने का , 
एक नया नजरिया दिया।  

माथे की लकीरें , 
संघर्षो से जूझने का प्रमाण है , 
कान के नीचे पके बाल , 
अनुभव की खान है , 
माथे की बढ़ी चौड़ाई, 
सफलताओ की पहचान है।  

थोड़ा आगे बड़ा पेट , 
परिस्थितियों से सामंजस्य है , 
गालो में फुलाव , 
छोटी छोटी खुशियों का सार है।  

धीमी और मंद चाल , 
धैर्य का सलीका है , 
आँखों में चश्मा , 
हर चीज को बारीकी से देखने का तरीका है।  

छोटी छोटी बातें भूलना, 
सयानेपन की निशानी है , 
कभी कभी ज़िद पर अड़ जाना , 
बचपने को ज़िंदा रखने की ख्वाईश है।