बढ़ती उम्र का शुक्रिया ,
बहुत कुछ तजुर्बा दिया ,
ज़िन्दगी को समझने का ,
एक नया नजरिया दिया।
माथे की लकीरें ,
संघर्षो से जूझने का प्रमाण है ,
कान के नीचे पके बाल ,
अनुभव की खान है ,
माथे की बढ़ी चौड़ाई,
सफलताओ की पहचान है।
थोड़ा आगे बड़ा पेट ,
परिस्थितियों से सामंजस्य है ,
गालो में फुलाव ,
छोटी छोटी खुशियों का सार है।
धीमी और मंद चाल ,
धैर्य का सलीका है ,
आँखों में चश्मा ,
हर चीज को बारीकी से देखने का तरीका है।
छोटी छोटी बातें भूलना,
सयानेपन की निशानी है ,
कभी कभी ज़िद पर अड़ जाना ,
बचपने को ज़िंदा रखने की ख्वाईश है।
शानदार अभिव्यक्ति
ReplyDeleteवाक़ई बढ़ती उम्र बहुत कुछ सीखे हुए को बस जीवन में उतार कर आगे बढ़ते जाने की एक विधा है...
कहते हैं ना जवानी में ऊर्जा ज़्यादा पर प्रवीणता कम होती है पर जैसे जैसे उम्र बढ़ती है, तजुरबा आता है तो ऊर्जा भले ही कम हो जाए पर निपुणता, प्रवीणता, कौशल हमें हर काम को सोच समझ कर आगे बढ़ने की तरफ़ प्रेरित करते हैं...
आपने बहुत अच्छा लिखा..सारगर्भित 👌