लोकतंत्र
का आधार ,
मताधिकार
- जनाधिकार ,
सोच
विचारकर बटन दबाना ,
होगा
इससे ही भविष्य साकार।
सियासत
की ये कुँजी ,
एक
एक मत जरुरी ,
जनता
की , जनता द्वारा , जनता से सरकार बने ,
लोकतंत्र
की पूँजी ।
सुनना
सबकी ,
करना
मन की ,
देश
प्रगति पथ पर आगे बढ़े ,
यह
ध्यान रखना है जरुरी ।
उठो
, जागो और विचारो ,
लोकतंत्र
का ये महापर्व है ,
अगले
पाँच वर्षो का भविष्य
आपके
वोट से ही तय होना है।
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