Monday, June 26, 2023

ठौर

 

ठौर कहाँ ढूढें ये पग ,

इन्हे तो चलते जाना है,

नियति में इक सफर लिखा है,

आज यहाँ, कल न जाने कहाँ जाना हैं।

 

गठरी हल्की रख मुसाफिर ,

कहाँ कोई स्थायी ठिकाना है ,

कर्मों की एक राह चलाचल ,

आगे किस्मत का खेला है।

 

कोई गर छूटा है , कोई मिल जायेगा ,

भावों का समंदर है , अनुभव से सीख जायेगा ,

हार क्या , जीत क्या , बेमानी सब यश -अपयश ,

चलते -चलते इक दिन मंजिल पा जायेगा।

Tuesday, June 20, 2023

चलाचल

 

चल चलाचल अपनी धुन में, दुनिया की फ़िक्र छोड़।

कहते रहने दे दुनिया को , तू अपनी राह खोज।।


 कहने -सुनने में वक्त जाया न कर , मंजिल बहुत दूर।

समय निश्चित है तेरे पास , ये एक क्षण भी मत भूल।।

 

मिले सलाह , जँचे दिल को - कर ले कबूल।

बेहतर कर खुद को रोज़ , बना ले इक ये उसूल।।

 

जो मिले -स्वीकार कर , फूल मिले या बबूल।

स्वस्थ रख खुद को , इससे बड़ा नहीं कोई मूल।।

 

सरल , सहज और सुन्दर है जीवन पथ ।

व्यर्थ की चिंताओं में वक्त गँवाया मत कर।

 

खोने जैसा कुछ नहीं यहाँ ,मुस्कराते हुए आगे बढ़।

सफर अकेले का ही है , जो मिले , कदम बढ़ाये चल।।

 

हार -जीत , यश -अपयश - सब वक्त की बातें।

एक यात्रा है ये "आनन्द ", अपनी मौज में चला कर।।

Monday, June 12, 2023

स्याह सच

  

शामिल जिस कहानी में हम हो ,

जरुरी नहीं - सब में हीरो ही होंगे,

न जाने कितनी कहानियों में ,

हम विलेन भी तगड़े रहे होंगे।

 

जरुरी नहीं आपकी जीत ,

सबकी ही जीत होगी ,

किसी न किसी के मन में ,

हार की जरूर टीस होगी।

 

जरुरी नहीं की सिर्फ ,

दुआओ में शामिल रहोगे सबकी ,

जाने -अनजाने किसी की ,

बद दुआओं में भी ज़िन्दगी शामिल होगी।

 

नजर और नजरिये का फेर है सब ,

राय परिस्थितियों पर निर्भर रहेगी ,

उजाले की ही उम्मीद बेमानी है ,

कही तो स्याह रात भी होगी ।