फितरत है वक्त की,बदलते रहने की,
जो भी है , जैसा भी है - बदल जायेगा ,
कर्मों की धूणी हैं और किस्मत की झोली ,
धैर्य रख , इक दिन सबका आयेगा।
ठहरता कहाँ है किसी एक के पास ,
इसके तराजू में हरेक तोला जायेगा ,
मुलाकात तय है कर्मों और किस्मत की ,
हिम्मत रख , तेरे हिस्से का तुझे मिल जायेगा।