Tuesday, March 22, 2022

खुशियाँ

 

तू धीरे -धीरे ही सही , कदम बढ़ाये जा।

न सोच , कोई क्या कहेगा , लक्ष्य जगाये जा।।

 

जूनून पर तेरे हँसने दे , उसको सबल बनाये जा।

अँधेरे तेरे हिस्से जो आज है , जुगनू बन चमकाये जा।।

 

उजाले तेरे हिस्से के , आलिंगन को तैयार खड़े हैं।

बिना थके , बिना हारे - अलख दिल में जलाये जा।।

 

तेरा तुझसे ही मुकाबला , जीत - हार का संशय कहाँ।

परिणाम जो भी रहे कर्मों के, अपना अनुभव बढ़ाये जा ।।

 

खोने के लिये कुछ भी नहीं तेरे पास।

जो भी मिले , उसकी खुशियाँ मनाये जा।।