अगर अब भी आपके पैर ,
मिट्टी को छूते है तो ,
सफल नहीं हो आप ,
नया पैमाना है तरक्की का ,
कौन कितना ऊपर है ,
मिट्टी से - वही सफल है।
हमने अब मिट्टी से संपर्क ,
तोड़ना शुरू कर दिया है ,
एक परत बिछानी शुरू कर दी ,
कभी कंक्रीट की , कभी गलीचे की ,
जमीन में पैर रखने से भय ,
और खतरा लगने लगा है।
अब पैरों में मिट्टी लिपटना ,
शुभ संकेत नहीं है , अपशकुन हैं ,
ढक दो जहाँ -जहाँ भी मिट्टी है ,
चढ़ा दो परत -दर -परत ,
मिट्टी किसी काम की नहीं हैं ,
मिट्टी से मिट्टी होने तक यही दूरी ,
सबको अब हवाओं में लटकाये है ,
त्रिशंकु बन बैचैन रहने की ,
यही यात्रा अब सफलता की सूचक हैं। है।