खींचो ,खीचों ,
ढूँढो -ढूँढो ,
ग्राफ बढ़ रहा उसका ,
कुछ पुराना मसाला ढूँढो ,
मढ़ो - मढ़ो ,
कुछ तो लाँछन मढ़ो ,
चुनावी साँप -सीढ़ी है ,
टाँग खींचो ,
सरपट घसीटो ,
मुद्दे लाओ ,
नीचा दिखाओ ,
जनता के मुद्दे नहीं ,
व्यक्तिगत आरोप लगाओ ,
चुनाव साँप सीढ़ी का खेल है ,
साम -दंड -भेद सब अपनाओ।
बर्गलाओ जनता को ,
ध्यान भटकाओ ,
जनता कही जाग न जाये ,
हिसाब न पूछ ले ,
पक्ष वालों ने क्या किया ,
विपक्ष क्यों सोया रहा ,
अनर्गल प्रलाप करो ,
जनता भोली है ,
थोड़ा टेसू बहाओ ,
प्रलोभन दो ,
मुफ्त की घोषणा करो ,
जीतने के लिए ,
सब तिकड़म करो ,
साँप -सीढ़ी का खेल है ,
खेलते रहो , खिलाते रहो।
नैतिकता जनता के लिए है ,
तुम अपना विकल्प खुले रखो ,
जहाँ को देखो रुख हवा का ,
उसी और बह चलो ,
राजनीति को परिवार में घुसाओ ,
अपना परिवार को आगे बढ़ाओ ,
जनता के घर -घर घुसकर ,
भाई -भाई में सर-फुटव्वल कराओ,
बिकने को तैयार बैठा वोटर ,
नोटों की गड्डियां सरकाओ,
साँप -सीढ़ी का खेल है चुनाव ,
जनता पासा है , उछालते रहो।