Friday, December 20, 2024

मेरी कवितायेँ

 

कहीं भावनाओ का आवेश है ,

कुछ शब्दों  में आक्रोश है ,

कुछ पंक्तियाँ मरहम सी लगाती ,

कुछ भावनाओं का आवेग है। 

 

कुछ शब्द जोश बढ़ाते ,

कुछ पंक्तियाँ जीवन दर्शन कहती ,

कही कुंठाओं का शोर गूँजता ,

किन्ही पंक्तियों से  मुस्कान तैरती।  

 

न रेल जैसा थरथराता हूँ ,

न ट्रक जैसा शोर करता हूँ ,

न कार जैसा आरामदायक ,

न प्लेन जैसा आसमां चीरता हूँ ।

 

कही उम्मीद की लौ ,

कही अवसाद चीरता हूँ ,

जीवन मर्मों को समझने के क्रम में ,

रोज़ कुछ लिखता और मिटाता हूँ। 

 

"शब्द " तीर है और "कलम " धनुष ,

भावनाओं का तूणीर संग रखता हूँ ,

"जीवन " का समर क्षेत्र है ,

अपने "कारवाँ " को रोज़ ज़िंदा रखता हूँ।