Sunday, November 24, 2013

इंसानी सोच और दिमाग का कारवां...

अदभुत क्षमता हैं इंसान में ,
बस अपनी पहचान करने कि जरुरत हैं ,

राईट बंधुओ ने पक्षियों को देख कर हवाई जहाज कि कल्पना साकार कर ली ,
नील आर्मस्ट्रांग ने धरती के आकाश से निकल कर एक दूसरे आकाश कि यात्रा की,

एडिसन ने बल्ब देकर अपने नन्हे सूरज से अँधियारो में रौशनी भर दी ,
बेयर्ड ने टी वी बनाकर दुनिया एक बॉक्स में सिमटा दी ,

इंसान कि क्षमताओ से कंप्यूटर ने हमारी ज़िन्दगी बदल ली ,
इंटरनेट ने एक क्लिक पर सारी दुनिया आपकी मुट्ठी में लाकर रख दी ,

किसी ने टायर बनाकर जगहो  कि दूरियां मिटा दी ,
किसी ने रोगो से लड़ने कि दवा बना दी ,

इंसानी क्षमता और दिमाग को शत शत नमन ,
उन लोगो को नमन जिन्होंने हमारे लिए दुनिया इतनी आसान कर दी ,

अद्धितीय हैं इंसान कि क्षमता ,
सीमाओ से परे ,
सागर से गहरी ,
पर्वतो से पार ,

एक नन्ही सी सोच क्रांति ला देती हैं ,
एक नन्हा सा कदम इतिहास बना देता हैं .

क्या इंसान के दिमाग कि कोई थाह हैं ?
मुझे समझ नहीं आता ,
हर बार लगता हैं शायद इसके बाद अब कुछ नहीं ,
अगले पल , वो और आगे चला जाता हैं ......

शायद ये इंसानी सोच और दिमाग का कारवां हैं ,
कहाँ थमेगा कोई नहीं जानता .............

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