समय की मशाल अपने बड़े भाई २०१४ से लेकर मैं भी १ जनवरी को चला था !
सीने में ३६५ दिनों का समय आप सबके साथ बाँटने निकल पड़ा था !!
२६ जनवरी को राजपथ पर मोदी के साथ बराक ओबामा को बैठा पाया !
राजपथ पर नए भारत के उदय को अपनी आँखों से सराहा !!
फरवरी में भारत की राजनीती में एक बड़ा बदलाव आया !
केजरीवाल नाम का शख्श दिल्ली में भूचाल लाया !!
मार्च में युगपुरुष अटल बिहारी बाजपेई को भारत रत्न मिलने से मुझमे भी जोश आया !
अप्रैल में नेपाल भूकंप के कहर से खुद को नहीं बचा पाया !!
मई और जून में सूर्य देवता का प्रकोप भारी था !
हर जगह मेघो के बरसने का इन्तजार था !!
जुलाई में कही घनघोर बारिश और कहीं सूखा था !
" डिजिटल इंडिया" का स्लोगन मेरे सामने ही अस्तिव्य में आया था !!
अगस्त में कंप्यूटर जगत के लिए खुशखबरी थी !
विंडोज 10 हर कंप्यूटर पर छाने को तैयार था !!
सितम्बर में मंगल पर पानी होने की पुष्टि हुई !
एक नए गृह पर जीवन बसाने की उम्मीद जगी !!
अक्टूबर आते आते सीरिया संकट गहरा गया !
मानवता के दुश्मनो को देखकर मैं भी कांप गया !!
नवम्बर में पेरिस नरसंहार हुआ !
इंसान को इंसान का दुश्मन बनते देख मैं बहुत शर्मिंदा हुआ !!
दिसम्बर आते आते मैं भी थक गया !
अब मेरा समय भी पूरा हुआ !!
अब समय की मशाल अपने छोटे भाई २०१६ को देने की बारी हैं !
जैसा बीता आपके साथ , अच्छा रहा - थोड़ा ख़ुशी और थोड़ा गम साझा कर गया !!
याद रखना मेरी अच्छी यादो को , बुरी यादों को मिटा देना !
सुख चैन और अमन से जीना २०१६ के साथ , कभी याद आऊं तो बस मेरे ऊपर पड़ी धूल हटा देना !!
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