रास्ते खुलेंगे ,
कदम तो बढ़ा ,
एक रास्ता बंद तो क्या ,
नए रास्ते बना।
कम तू किसी से नहीं ,
'कमी तुझमे' ये भ्रम ,
कर सकता है सब कुछ ,
संकोच मत रख कोई मन में।
रोड़े आयेंगे राहो में ,
सब्र का इम्तेहां होगा ,
हौंसला तुलेगा ज़िन्दगी तराजू में ,
तब "तू" निखरेगा।
गढ़ेगा तेरे नाम का पत्थर भी ,
जीवन सफर की राहों में ,
संघर्ष और जूनून से ,
अपने को इस लायक तो बना।
हार जीत , सफलता -असफलता
ये तो जीवन राह के पड़ाव है ,
ज़िन्दगी तो चलती जानी है ,
"विजय यात्रा " तो तुझे खुद बनानी है।