रघुकुल गौरव ,
रामराज्य की साक्षी ,
मैं कौशलपुर साकेत नगरी हूँ,
मैं अयोध्या हूँ।
मैं रामजन्मभूमि -कर्मभूमि
सीता का ससुराल ,
राजा दशरथ का वचन हूँ,
मैं अयोध्या हूँ।
त्रेता युग से कलयुग ,
न जाने कितनी बार ढही ,
फिर भी सरयू तट पर तन कर खड़ी हूँ,
मैं अयोध्या हूँ।
खड़ाऊं से सिंहासन ,
वो भ्रातप्रेम ,
उच्च आदर्शो के प्रतिमानो के खम्बो पर टिकी हूँ ,
मैं अयोध्या हूँ।
राम बसे मेरे कण कण में ,
वैभवशाली इतिहास ,
मैं रामराज्य की अंतिम धरोहर हूँ ,
मैं अयोध्या हूँ।
superb
ReplyDeleteजय श्री राम
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