Tuesday, February 12, 2019

मैं अयोध्या हूँ




रघुकुल गौरव , 
रामराज्य की साक्षी , 
मैं  कौशलपुर साकेत नगरी हूँ, 
मैं अयोध्या हूँ।    

मैं रामजन्मभूमि -कर्मभूमि 
सीता का ससुराल ,
राजा दशरथ का वचन हूँ, 
मैं अयोध्या हूँ।  

त्रेता युग से कलयुग ,
न जाने कितनी बार ढही , 
फिर भी सरयू तट पर तन कर खड़ी हूँ,
मैं अयोध्या हूँ।  

खड़ाऊं से सिंहासन , 
वो भ्रातप्रेम , 
उच्च आदर्शो के प्रतिमानो  के खम्बो पर टिकी हूँ , 
मैं अयोध्या हूँ।  

राम बसे मेरे कण कण में , 
वैभवशाली इतिहास ,
मैं रामराज्य की अंतिम धरोहर हूँ , 
मैं अयोध्या हूँ।  

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