निकल पड़ा हूँ लेखन यात्रा में , लिए शब्दों का पिटारा ! भावनाओ की स्याही हैं , कलम ही मेरा सहारा !!
Sunday, July 31, 2022
गजब
Saturday, July 16, 2022
हवा का एक झोंका
आया हवा का एक झोंका ,
ज़िन्दगी किताब को झकझोर गया ,
एक एक पन्ना जैसे ,
खुदबखुद खुलने लगा।
किसी पन्ने में सिसकियाँ ,
किसी पन्ने से खुशियाँ झरने लगी ,
कही से बचपन झाँक रहा ,
कहीं लड़कपन ने अंगड़ाई ली।
कही दोस्ती की कसमे खाई ,
किसी कोने पर वो पहले प्यार की अंगड़ाई
,
कुछ फूल जो सूख चुके थे उसकी निशानी
,
किसी पन्ने पर जुदाई।
मुड़ा हुआ वो पेज भी आया ,
जिस पर लिखी थी एक अधूरी कहानी ,
लौटकर आऊंगा कभी मुड़कर ,
सोचा था पूरी करूँगा वो कहानी।
साल दर साल वो लिखावट में अंतर ,
सपनो के पीछे हकीकत का वो अस्तर ,
कुछ पाने की खातिर कुछ छूटने का मंजर
,
उस हवा ने टटोल दिया मेरा मन मंतर।