Saturday, March 1, 2025

प्रवाही जीवन

 

सरल , सहज और प्रवाही जीवन ,

कठिन ,उलझा और रुका हुआ मन ,

इच्छाएँ अनेक  , साधन सीमित ,

जग बौराया ,  चिंताएँ अनंत।

 

ऊबड़खाबड़ रास्ते , दौड़ अंधाधुंध ,

साँसो की नाजुक डोर पर टिका नन्हा तन ,

किस्मत और कर्मों की जोर आजमाइश ,

कुछ पल सुकून को तरसता जीवन।

 

उपाय क्या है जिससे आसान बने जीवन ,

कर्म किये जा , न कर फल की चिंता ,

भरोसा रख , उम्मीद जगा , कम कर ईच्छा ,

वक्त को इज्ज़त बख्श , हर हाल मुस्करा।

 

स्वास्थ्य सबसे बड़ा धन है , नसीब जगा ,

धीरे -धीरे ही सही , मंजिल की तरफ कदम बढ़ा ,

बहुत उलझनों में खुद को न उलझा ,

एक राह पकड़ बस , उसी पर चलते जा।