Friday, March 26, 2010

रुकना नहीं , झुकना नहीं.

रुकना नहीं , झुकना नहीं.
मुड़ना नहीं, थकना नहीं.
रख अर्जुन सी नज़र लक्ष्य पर ,
और तुझे कुछ देखना नहीं .

डिगाए तुझे कोई कितना ,
रोड़े कितने अटकाए कोई .
रुख मोड़ना हैं हवायो का तुझे,
हर बाधा को हंस के सहना हैं तुझे.
हर मुस्किल को ठोकर मारता चल ,
लक्ष्य की तरफ कदम बदाता चल.

कोई रोके , कोई टोके ,
कोई चाहे कुछ भी कहे .
अपने दिल को समझाता चल,
अपनी धून पर बस चले चल चला चल.
कोई तेरा साथ न दे ,
कोई परवाह मत कर ,
अपने होसले को तलवार बना ,
हर मुश्किल को काटता चल.

यही दुनिया तुझे सलाम करेगी ,
जब तू मंजिल को पायेगा .
झुकेगी तेरी आगे ये दुनिया,
अपनी मेहनत का फल तू पायेगा.

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