वो अपने इन्क्रीमेंट को लेकर नाखुश दिखा,
रात भर सोचा और सुबह बॉस के पास पंहुचा,
दिल की सारी भड़ास निकालने के बाद ,
बॉस को इस्तीफे देने की बात कहकर ,
चुपचाप अपनी सीट पर आ कर बैठ गया.
थोड़ी देर सोचने के बाद फिर बॉस से टाइम माँगा,
और फिर बॉस से मिलने चल दिया.
बॉस ने उसको कोफी पिलाई और कहां,
" हाँ ! अब बताओ तुम्हे क्या कहना हैं, "
उसने एक सांस में अपने साथियों के उससे ज्यादा सैलरी बड़ने का जिक्र किया ,
और पुछा , " सर, मैंने भी तो साल भर मेहनत से काम किया फिर मेरे साथ ऐसा सलूक क्यों किया?"
बॉस ने उत्तर दिया, " तुम अपनी सैलरी कम बढने से नाखुश हो या दुसरो की तुमसे ज्यादा बड़ी हैं, इससे परेशान हो.
मेरे हिसाब से तुम्हारी सही बड़ी हैं, तुम ही बताओ तुमने साल भर में ऐसा क्या किया,
जो मैं कह सकू की तुम औरो से अलग हो.
इस साल कुछ असाधारण करके दिखाओ , अगले साल तुम्हारी हर इच्छा पूरी कर दूंगा "
वो बॉस की बात सुनकर मर्म समझ गया, पिछले दो साल में ३ बॉस को बदलते देख चुका,
चुपचाप सीट से उठा , और फिर से अपने काम में लग गया.
जय हो इन्क्रीमेंट की ! जय हो बॉस की !