गम और ख़ुशी कुछ नहीं होता संसार में,
बस भावनाओ का ज्वार और दिल का बहकावा होता हैं.
हमारे अनुसार हो गया तो ख़ुशी हो जाती हैं,
हमारे अनुसार नहीं हुआ तो गम हो जाता हैं.
अब ये हमारे दिल का छलावा नहीं हैं तो क्या हुआ?
कुछ पल बीत जाने का बाद दिल को ही लगता हैं,
जो ख़ुशी हैं उसमे भी कुछ गम हैं ,
और जो गम हैं वो भी ठीक हैं.
गम और ख़ुशी के बीच ही झूलता रहता हैं मन,
उलझा कुछ सुलझा बहकता रहता हैं मन.
No comments:
Post a Comment