कौन कहता हैं मौन रह कर समस्याओं से नहीं जूझा जा सकता,
श्री मनमोहन जी से पूछ लो,
इतने घोटाले और गठबंधन की सरकार को ,
इतने साल संभाल कर ,
और फिर भी चलते रहना,
अब इस मौन में शक्ति नहीं है तो और क्या,
विपक्ष भले ही हड़ताल करे ,
लोग भले ही धरना दे ,
महंगाई से भले ही जान चली जाये ,
कोई फर्क नहीं पड़ता ,
मौन रहकर ही इन सबसे निपटा जा सकता हैं,
क्यूंकि बोलने वाला हमेशा बडबोला कहलाता हैं .
चलो ! कुछ तो सीखा मनमोहन जी से ,
मौन में ताकत हैं हम भी आजमाते हैं,
क्यूँ हम बात बात में भड़क कर ,
अपना ही तबियत खराब करते हैं.
nice dada..keep it up.
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