एक एक से अनेक बने ,
अनेक से बने एक कारवां,
कारवां से बने एक समाज ,
समाज से बने एक देश,
तो आओ की अब एक से अनेक बने,
कारवां को गुंजायमान करे,
समाज को फिर जीवन मूल्य दे ,
देश को फिर से शशक्त करे.
फैला हैं जो अत्याचार ,
उसका विरोध करे ,
अपनी आने वाली पीढ़ी को,
आओ की एक उम्मीद दे.
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