२०१४ कह रहा हैं ," चलो दोस्तों - अपना वक्त पूरा हुआ ,
जैसा भी रहा आपका और मेरा साथ - गुजर गया ,
आप याद रखना चाहोगे मुझे या नहीं , मैंने आपका भरपूर साथ दिया,
अपने में समेटे ढेरो यादें , अब मेरा वक्त पूरा हुआ !
कुछ गलत हुआ हो आपके साथ तो मुझे माफ़ कर देना ,
अगर आपकी खुशनुमा यादो में अगर मैं शरीक रहा तो याद रखना ,
अब मैं कभी नहीं आऊँगा बस आपकी यादोँ में कहीं बस जाऊंगा ,
फाड़ना मत मुझे अपनी ज़िन्दगी की किताब से मेरा अस्तित्व मिट जायेगा ,
आपके सपने पूरे हो और आप और अधिक खुश रहे ,
ज़िन्दगी आपकी और खुशहाल और आबाद रहे ,
मैं तहेदिल से २०१५ का स्वागत करता हूँ ,
अब आपके सपने और उम्मीदे इसके हवाले करता हूँ ,
खूब वक्त देना इन्हे , सपनो को परवाज लगने देना ,
कही थोड़ा बहुत वक्त को थामना पड़े भी तो मत घबराना ,
घुल मिल जाना इतना की इनके सपनो में अपने को रमा देना ,
इनके दुःख को अपना दुःख और सुख को अपना समझना ,
हम तो समय के काल चक्र से बंधे हैं मगर ,
इनकी यादो के सुनहरे कारवां में अपना मुकाम बना जाना।"