हर स्तर पर प्रयास होना चाहिए ,
देश आगे बढ़ना चाहिए।
चलो - उठो - भारत निर्माण करना हैं ,
हर हाथ में काम होना चाहिए।
वक्त आ गया अब नए भारत का निर्माण करना होगा ,
हर भारतवासी को देश के लिए पहले सोचना होगा।
अपने पुरखो की सींची धरा पर कर्म बीज बोना होगा ,
आने वाली पीढ़ी के लिए " स्वच्छ और निर्मल" भारत देना होगा।
जात-पात , धर्म - अधर्म , ऊँच -नीच से ऊपर उठना होगा ,
हरेक नागरिक को अब " भारतीयता " को समझना होगा।
हिमालय से कन्याकुमारी , कच्छ से अरुणाचल तक अब बिगुल फूँकना होगा ,
"विश्व गुरु " का गौरव फिर से वापस पाना होगा।
सिंहनाद कर दे सवा अरब भारतवासी जिस दिन ,
दुनिया का कोना कोना थर्रा जायेगा।
शर्त सिर्फ पहले यह हैं की ,
हमें अपने को अंदर से जगाना होगा।
अपनी ऊर्जा , सामर्थ्य और विवेक को ,
देश हित में लगाना होगा।
हर हाल में अब देश जगना चाहिए ,
"विश्व विजय " की रणभेरी लेकर हर भारतवासी चलना चाहिए।
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