चलो , देश बदलते हैं ,
थोड़ा हम और थोड़ा दुसरो को बदलते हैं।
मंद गति से चल रही विकास यात्रा को ,
आओ ढाई सौ अरब हाथो से थोड़ा धक्का लगाते हैं,
चलो , देश बदलते हैं।
हम सब पहले भारतवासी हैं ,
जात -पात - धर्म- ऊँच - नीच की राजनीति से थोड़ा ऊपर उठते हैं ,
चलो , देश बदलते हैं।
जो पिछड़े , अशिक्षित , गरीब हैं ,
उनको सब मिलकर ऊपर उठाते हैं ,
चलो , देश बदलते हैं।
जो जहाँ हैं , वही से शुरू करते हैं ,
अपना काम मेहनत और ईमानदारी से करते हैं ,
चलो , देश बदलते हैं।
क़र्ज़ बहुत बड़ा हैं देश का सब पर ,
थोड़ा इस क़र्ज़ को कम करते हैं ,
चलो , देश बदलते हैं।
कराह रही अपनी भारत माता के,
चेहरे पर मुस्कान लाते हैं ,
चलो , देश बदलते हैं।
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