कशमकश रोज़ होती हैं ,
मेरी और मेरी ज़िन्दगी की मुलाकात रोज़ होती हैं।
कुछ मेरे बहाने ,
कुछ उसके अफ़साने ,
कुछ मेरी शिकायते ,
कुछ उसके उलाहने ,
कुछ नए तजुर्बे ,
कुछ नयी सीखे ,
कुछ ख़ुशी के पल ,
कुछ अवसाद के क्षण ,
हमारी सुबह से शाम यूँ ही होती हैं ,
एक नए कल के इंतजार में हमारी रात कटती हैं।