आओ , मिलकर दुनिया उजाड़ते हैं ,
पेड़ो को अंधाधुंध काटते हैं ,
पानी को प्रदूषित करते हैं ,
हवा में जहर घोलते है,
आओ मिलकर दुनिया को ख़त्म करते हैं।
बहुत कुछ तो कर चुके हम ,
थोड़ा और जोर लगाते हैं ,
कौन सोचे आने वाली पीढ़ी की ,
हम लोग तो आज में जीते हैं।
उन्हें पानी मिले न मिले ,
हवा की शायद उन्हें जरुरत ही न पड़े ,
आओ हम उनके लिए कंक्रीट के जंगल छोड़ते हैं।
कही धधकेगी धरती ,
कही बर्फ का जमावड़ा होगा ,
न पानी होगा पीने को ,
हवा में जहर घुला होगा।
ऑक्सीजन सिलिंडर पीठ में बंधा होगा ,
पानी की एक बूँद के लिए संग्राम होगा ,
अन्न उपजाने को जमीन का अकाल होगा ,
हमारी करनी को हमारी नयी पीढ़ी को भुगतना होगा ।
( पर्यावरण बचाइए , पेड़ लगाइये)
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