लक्ष्य कैसा हो ?
समयबद्ध ,
नियमबद्ध ,
अनुशासनबद्ध ,
विशिष्ट ,
प्रेरक ,
और मंगलमय हो।
लक्ष्य साधन से पहले ,
योजना ,
साधना ,
समर्पण ,
कर्मतप,
एकाग्रता
और
एकनिष्ठता हो।
लक्ष्य साध्य कैसे हो ?
घुमते चक्र में बँधी मछली ,(साधना )
नीचे पानी में छाया देख, ( एकाग्रता )
धनुष की प्रत्यंचा चढ़ा , (विश्वास)
एक तीर से , (कर्मतप )
चक्षु भेदन जैसा हो। ( एकनिष्ठता )
अतिउत्तम, सराहनीय और शब्दों का सामंजस्य । वाह
ReplyDeleteवाह वाह क्या कविता है। जबरदस्त लक्ष्य के बारे में
ReplyDeleteBhut badhiya aur prernadayi
ReplyDeleteBahut khoob ...wah...nice poem
ReplyDeleteGreat lines
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