Monday, August 3, 2020

लक्ष्य

लक्ष्य कैसा हो ?

समयबद्ध ,

नियमबद्ध ,

अनुशासनबद्ध ,

विशिष्ट ,

प्रेरक ,

और मंगलमय हो। 

 

लक्ष्य साधन से पहले ,

योजना ,

साधना ,

समर्पण ,

कर्मतप,

एकाग्रता

और

एकनिष्ठता हो। 

 

लक्ष्य साध्य कैसे हो ?

घुमते चक्र में बँधी मछली ,(साधना )

नीचे पानी में छाया देख, ( एकाग्रता )

धनुष की प्रत्यंचा चढ़ा , (विश्वास)

एक तीर से , (कर्मतप )

चक्षु भेदन जैसा हो। ( एकनिष्ठता )


5 comments:

  1. अतिउत्तम, सराहनीय और शब्दों का सामंजस्य । वाह

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  2. वाह वाह क्या कविता है। जबरदस्त लक्ष्य के बारे में

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  3. Bahut khoob ...wah...nice poem

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