सबके लिये अलग -अलग है ,
ये "बुराँश के फूल ",
किसी के लिए
बचपन की यादें ,
किसी के लिए
सूर्ख़ लाल फ़ूल ,
किसी के लिये
प्रणय निवेदन ,
किसी को अक्स
दिखाता ये फूल।
किसी धार के
भ्योह में खिलता ,
सबको ललचाता
है ये फूल ,
खुद तक पहुँचने
के लिये ,
संघर्ष कराते
ये " बुराँश के फूल ",
चटक धूप में
रंग बिखेरते ,
सबसे अलहदा
है ये "बुराँश के फूल " ।
किसी विरहन
को अपने से लगते ,
किसी के लिए
चूसने वाले फूल
कोई पंखुड़ियों
से खेल खेले ,
रोगियों के
लिए औषधि है ये फूल,
सबके लिये
अलग -अलग है ,
ये अलबेले "बुराँश के फूल " ।
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