Thursday, February 16, 2023

क्यों

 

अतीत और भविष्य के ,

मध्य एक संधिबिंदु आज पर ,

हतप्रभ सा मैं खड़ा हूँ ,

आश्चर्य ये है न अतीत पर ,

और न भविष्य पर ,

मेरा कोई नियंत्रण ,

मैं दोनों के बारे में ही ,

अपने आज में  ,

सोचता रहता हूँ।

 

आज को अभी ही ,

बेहतर किया जा सकता है ,

भूत -भविष्य से निकलकर ,

जीया जा सकता है ,

मगर अक्सर ये नहीं होता ,

और इस “क्यों “ का ,

उत्तर नहीं होता मेरे पास।

 

 

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