दादी एक बात कहती थी ,
उस समय समझ नहीं आती थी ,
वो कहती थी - अक्ल और ,
उम्र की भेंट अक्सर नहीं होती ,
जिनकी होती है -वो पार हो जाते है ,
जिनकी नहीं होती वो बस पछताते है ,
बात सीधी और सरल सी थी ,
अपने में पूरा सार समेटे थी ,
जीवन का सारा खेल ही ,
अक्ल और उम्र पर टिका है ,
सही उम्र पर अक्ल आ जाए ,
तो पूरा जीवन सफल हो जाता है ,
वर्ना फिर जीवन की मथनी में ,
वो पिसता चला जाता है,
दादी एक बात कहती थी ,
उस समय समझ कहाँ आती थी ,
वो कहती थी -अभी समझ नहीं आयेगा ,
जब आयेगा - बहुत
देर हो चुकी होगी ,
और ये लाख टके की बात थी,
अब सोचों तो कितना सच कहती थी।
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