समय के धरातल पर ,
जो बीज बोये जाते है ,
भविष्य में फिर वही ,
पेड़ बनकर समय की ,
छाती में उग आते है ,
बीज क्या बोया गया था ,
इसी बात पर पेड़ निर्भर है ,
फलदार होगा या कँटीला ,
ये बीज पर निर्भर है ,
समय अपने पास किसी का ,
कुछ बकाया नहीं रखता ,
वो देर -सवेर सब वापस कर देता है ,
वापस किसको ,कब करना है ,
ये समय का अपना निर्णय होता है ,
बीज को पनपने और पेड़ बनने में ,
समय भी तो अपना समय देता है,
और इस नाते इतना हक़ तो ,
समय का भी बनता है।
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