Tuesday, January 5, 2010

चल पड़े हम...........

चल पड़े हम ज़िन्दगी की राहों में, अब जो भी होगा देख लेंगे.
कल क्या होगा इसको पीछे छोड़ के,बस आज को जीने के लिए.
कल का कोई अफ़सोस नहीं, कल की कोई परवाह नहीं .
आज जो हैं बस उसी को जीने के लिए.
न किसी से कोई शिकवा हैं अब, मिटा के सबसे दुश्मनी .
चल पड़े हैं हम ज़िन्दगी की राहों में,बस ज़िन्दगी को जीने के लिए.
कोई रोके , कोई टोके अब कोई परवाह नहीं, निकल पड़े हैं अपनी मन की करने .
खुद को जो अच्छा लगे बस उसी को करने के लिए.
खुद के लिए मुकाम बनाने के लिए, चिंतायों की चंगुल से आज़ाद होके .
निकल पड़े हैं ज़िन्दगी को अपना बनाने के लिए.
राहों को खुद तलाशने के लिए, मंजिलो पर अपने निशान छोड़ने के लिए.
ज़िन्दगी की राहों में खुद अपना नाम लिखने के लिए.
कल क्या होगा इसको पीछे छोड़ के,बस आज को जीने के लिए.

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