तंग आकर एक दिन उसने इस्तीफा लिख ही लिया,
चदने लगा ऑफिस की सीडिया ,
तब उसे अपने बच्चे की कही बात का ख्याल आया, "पापा मुझे इस महीने साइकिल दिला देना."
और माँ की कही बात याद आई, "बेटा ! तू ही सहारा हैं अब घर का" !
पत्नी का वो ताना याद आया, " कब खरीद के दोगे एक वाशिंग मशीन ?"
फिर बहन की शादी का ख्याल आया.
उठे कदम फिर रुक गए, ऊपर बढते कदम ठिटक गए !
वो वापस अपनी कुर्सी पे आ गया, फाईल्स की ढेर में फिर खो गया.
Dear Sir,
ReplyDeleteI can understand this situation.