मेरा देश रो
रहा हैं क्यूंकि…………………………..
कश्मीर सुलग रहा हैं , गुजरात डूब रहा हैं !
पूर्व में नक्सल सिर उठा रहा हैं , मध्य में व्यापम
घोटाला बलि ले रहा है !!
दक्षिण अलग राग अलाप रहा हैं , दिल्ली चुपचाप तमाशा
देख रहा हैं !
दुश्मन घात लगा रहा हैं , बॉर्डर पर जवान गोली खा रहा
हैं !!
मेरा देश रो
रहा हैं क्यूंकि ,
घर में ही लड़
मर रहे हैं उसके नौनिहाल , नेता सारे मौज ले रहे हैं !
लोकतंत्र के पावन मंदिर "संसद" में रोज़ हंगामे
हो रहे हैं !!
जवान देश की खातिर शहीद हो गया , उसकी किसी को परवाह
नहीं हैं !
एक आतंकवादी को फाँसी क्यों दी , राष्ट्रीय चिंता का
विषय हो गया हैं !!
मेरा देश रो
रहा हैं क्यूंकि ………………
सड़के बेहाल हैं , बिजली पानी का कोई ठिकाना नहीं !
तरस रहा हैं आम आदमी , नेताओ को फुर्सत नहीं !!
भड़काऊ भाषण , दूसरे को नीचा दिखाओ !
कुर्सी की खातिर - शतरंज का खेल चल रहा हैं !!
मेरा देश रो
रहा हैं क्यूंकि ………………
नौजवानो की आशायें धूमिल हैं , कोई रास्ता सूझ नहीं
रहा हैं !
माँ-बहनें घर से निकलते डर रही हैं , रावण राह ताक रहा
हैं !!
नियम कानूनो की धज्जियां उड़ाने वालो की जय जयकार हो
रही हैं !
देश को धर्म और
जाति में बांटने की हर संभव कोशिश हो रही हैं !!
मेरा देश रो रहा हैं क्यूंकि ………………
किसान आत्महत्या कर रहा हैं , मजदूर काम के लिए तरस रहा हैं !
चुने हुए सेवको में बंदरबांट चल रही हैं , भ्रस्टाचार देश को घुन की तरह खा रही हैं !!
कुछ लोग अपने स्वार्थ के लिए जनता को बहका रहे हैं !
जनता भी चंद पैसे के लिए खुद को बेच रही हैं !!
मेरा देश रो रहा हैं क्यूंकि ………………
किसान आत्महत्या कर रहा हैं , मजदूर काम के लिए तरस रहा हैं !
चुने हुए सेवको में बंदरबांट चल रही हैं , भ्रस्टाचार देश को घुन की तरह खा रही हैं !!
कुछ लोग अपने स्वार्थ के लिए जनता को बहका रहे हैं !
जनता भी चंद पैसे के लिए खुद को बेच रही हैं !!
मेरा देश रो
रहा हैं क्यूंकि ………………
रक्षक अब भक्षक
हो गए हैं , कुछ पाखंडी संत हो गए हैं !
जनता गुमशुम हो गयी हैं , लाठियो से डर गयी हैं !!
देख कर हाल , जग हँसाई हो रही हैं !
तरेर रहे हैं आँखे सब , क्यूंकि घर में ही मैंने मात
खायी हैं !!
वाकई में देश के नेताओं ने यह हाल कर दिया है कि देश रो रहा है आप ऐसे ही अपने शब्दों से देश के नागरिकों को जागृत करते रहिए।
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