Friday, July 7, 2017

एकाकार ,एकमत और एकजुट


एकाकार , एकमत और एकजुट ,  
गर किसी दिन हो गए भारतीय , 
तो फिर कौन हमें रोक सकता हैं , 
सवा अरब की हुंकार कौन सुन सकता हैं ।  

जरुरी हैं हम पहले अपना मन बनाये , 
जाति - क्षेत्र - धर्म- वर्ण - संप्रदाय से अपने को ऊपर उठाये , 
एक राष्ट्र - एक धर्म : भारतीयता को अपनाये , 
देश हित- सर्वोच्च हित : एकाकार , एकमत और एकजुट हो जाये।  

शताब्दियों का इतिहास गवाह हैं , 
हमने खुद से चोट खायी हैं , 
अपने अपने हित ऊपर रखकर , 
हमने गुलामी पायी हैं।  

इतिहास से सबक लेकर अब आगे बढ़ना हैं , 
" हम सब भारतीय हैं " - नारा लेकर चलना हैं , 
उठो , जागो - भारतीयों अब , निद्रा का त्याग करना हैं ,
"एक भारत - श्रेष्ठ  भारत "  बनाना हैं ।



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