कारवां जारी हैं ..................
निकल पड़ा हूँ लेखन यात्रा में , लिए शब्दों का पिटारा ! भावनाओ की स्याही हैं , कलम ही मेरा सहारा !!
Sunday, August 18, 2019
स्याही और कलम
स्याही ने कलम से पूछा ,
शब्द तो मुझसे उकरते है पन्ने पर ,
मगर बढ़ाई तेरी ही क्यों ?
कलम ने उत्तर दिया ,
तुझे अर्थपूर्ण आकार देता हूँ ,
खुद घिसकर ,
वर्ना देख ले ,
एक बार कोरे पन्ने में यूँ ही बिखर कर।
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