Friday, October 18, 2019

वादा




तुमने वादा किया है मुझसे ,
मिलोगे मुझसे उस दिन ,
जिस दिन मैं जीवन से छक जाऊँगा ,
तृप्त हो जाऊँगा हर चीज से ,
फिर कोई मंजिल नहीं ,
कोई सफर नहीं ,
न कोई हड़बड़ाहट ,
बस शांति और असीम शांति ,
उस दिन हम मिलेंगे ,
और खूब बातें करेंगे। 

मैं भी जल्दी में नहीं हूँ ,
क्यूंकि अभी तो चलना शुरू किया है ,
अभी बहुत कुछ देखना है ,
कुछ अरमानो को धरातली रंग दिखाना है ,
कुछ एहसासो को कैद करना है दिल में ,
कुछ भावो को सतही कत्था चढ़ाना है। 

मिलूँगा , जरूर मिलूँगा , वादा किया है
मगर उससे पहले ये सफर तय कर लूँ ,
सफर में जो मिले , उसे आत्मसात कर लूँ ,
बताने के लिए कुछ तो इकठ्ठा कर लू पोटली में ,
वर्ना तुम समझोगे ,
क्या किया जीवन में ?

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