कैद कर दिए पाँव , पसरा दिया सन्नाटा
भय से त्रस्त प्राण
, मुँह पर मास्क की छाँव ,
लौट कर मत आना 2020 मानवता
के काल में।
संशय , असमंजस , बेरोजगारी
, लाचारी
एक वायरस के आतंक से
थम गयी दुनिया सारी ,
लौट कर मत आना 2020 मानवता
के काल में।
त्राहि त्राहि मची चहुँओर
, मानवता पर संकट भारी
सीख लिया जो सबक सीखना
था , अब टीके पर नजर सारी ,
अब लौट कर मत आना
2020 मानवता के काल में।
भ्र्म अब टूट गया , घमंड
पीछे छूट गया
प्रकृति के ऊपर नहीं
सारा अधिकार हमारा ,
अब लौट कर मत आना
2020 मानवता के काल में।
अब जाते जाते अवसान कर जाना ,
संशय और भय सब हर जाना , प्राण फूँक जाना ,
एक गुजारिश -अब लौट कर मत आना 2020 मानवता के काल में।
No comments:
Post a Comment