गर इच्छा शक्ति मजबूत तो डर वाजिब नहीं।
मन के विश्वास के सामने कोई मुश्किल नहीं ।1।
आत्मबल ने लिखी है विजय की इबारते कई।
तप कर ही निकलता है हीरा खदानों से कहीं ।2।
मुश्किलें तो आयेंगी कदम दर कदम पथ पर।
करे पार बाधाएँ जो विजेता कहलाता भी वहीं ।3।
परिस्थितयाँ जाँचती है , तोलती है , परखती है ।
गिरे , संभले , चले - जीवटता की पहचान यही ।4।
ज़िन्दगी सिर्फ इक बार मिली है , महसूस कर।
सार्थक तभी जब पदचिन्हो पर चले कोई ।5।
बेहतरीन प्रस्तुति
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