Tuesday, April 8, 2025

बहस

 

बहुत बहस होती है ,

पुराना ज़माना अच्छा था ,

या नया जमाना अच्छा है ,

जो है , वो सामने है ,

जो सामने है ,

उसमे हम सबका ,

बराबर का योगदान है ,

अगर योगदान है ,

तो चाहे अच्छा है ,

या बुरा ,

हम सब इसके भागीदार है ,

और भागीदारी में ,

जो मिलेगा ,

उसे स्वीकार करना ,

जिम्मेदारी है ,

जिम्मेदारी से ,

अब हर कोई बचना चाहता है ,

बस मुँह फाड़ कह देना है ,

वो जमाना अच्छा था ,

और ये जमाना बुरा है,

जो अब सामने है ,

जैसा है , वही अच्छा है,

जम सकते है तो जमाओ ,

नहीं तो चुपचाप ,

नदी के गंगलोड़ की तरह ,

किनारे लगो ,

और पानी को सपाट ,

बहने दो,

जो बदलेगा , टिकेगा ,

परिवर्तन नियम है संसार का ,

समझदारी यही , तकाजा यही ,

इसके साथ जल्दी हो लो,

गंगलोड़ बनने से कोई ,

फायदा नहीं। 

 

 

 

गंगलोड़ : नदी के द्वारा किनारा किया गया पत्थर 

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