Saturday, November 1, 2025

संघर्ष

 

यकीन जानिये ,

संघर्ष सबकी ज़िन्दगी में है ,

वो बात अलग है ,

सबके संघर्ष का स्तर अलग -अलग है। 

 

कोई संघर्ष से निखरता है ,

कोई संघर्ष से बिखरता है ,

कोई टूट जाता है ,

कोई नई परिपाटी गढ़ जाता हैं। 

 

बिना संघर्ष के जो पाता है ,

उसे क्या पता स्वाद संघर्ष का ,

भुरभुरा सा ज़िन्दगी भर ,

इक नन्ही ठोकर से बिखर जाता हैं। 

 

जो खड़ा रहता है संघर्षो में सीना तान ,

फिर उसके लिए क्या आँधी -तूफ़ान ,

तैयार हर परिस्थिति के लिये ,

शून्य से फिर खड़ा कर देता है मुकाम। 

 

जो बाधाओं से लड़ता है ,

जो संघर्षो में तपता है ,

वही निखर कर इक दिन ,

जग में "हीरे" सा दमकता हैं। 

 

डटा रहा अंतिम समय तक ,

वक्त तेरे लिये फिर थम जायेगा ,

तेरे जूनून की जिद्द में ,

जमीन क्या आसमां भी झुक जायेगा।

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