Tuesday, October 28, 2025

आँसू

 

जब हम सबसे ज्यादा उदास होते है ,

हमें हमारे सबसे अच्छे दिन याद आते है ,

आँखों की कोरे गीली हो जाती है ,

और यादें आँसू रूप में ढल कर ,

हमारे गालों से लुढ़ककर ,

जमीन को स्पर्श करते है ,

हम गलती करते है ,

अपने हाथों से उनको पोछने लगते है ,

बहने दीजिये उन आँसुओं को ,

मिलने दीजिये जमीन से ,

ये जमीन उन आँसुओं को ,

बीज रूप में ग्रहण करती है ,

और आपके अवसादों को ,

उदासियों को सोखकर ,

आपके लिये आशाओं का ,

उम्मीदों की एक नई पौध जनती  है ,

और आपके एक एक आँसुओ को ,

फूल बनाकर आपके जीवन में बिखेरती है। 

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