कारवां जारी हैं ..................
निकल पड़ा हूँ लेखन यात्रा में , लिए शब्दों का पिटारा ! भावनाओ की स्याही हैं , कलम ही मेरा सहारा !!
Tuesday, August 16, 2011
गाँधी तेरे देश में......
गाँधी तेरे देश में देख तेरे अन्ना का क्या हाल हो गया ?
तेरे रास्तो पर चल वो तिहाड़ जेल पहुच गया.
सच में आज तुम होते तो फूट फूट कर रोते,
अहिंसा के मार्ग पर चलना आपके देश में ही अब पाप हो गया.
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