Sunday, September 11, 2011

खुदी को साबित.........

इतेफाक से मिली ये ज़िन्दगी, खुदा की नियामत हैं

खुदी को साबित करने का एक अवसर हैं.


निशाँ इतने छोड़ जाने हैं इस धरा पर,

लोग कहे की हाँ ! आया था एक आदमी ज़मी पर.

ज़िन्दगी को जीना हैं इस तरह से,

जिंदगानी से कोई शिकवा न रह जाए,

लोगो का इतना काफिला हो रुखसती के समय की,

खुदा को भी तुझ पर गुमान हो जाए.

यूँ तो अरबो जीवन यहाँ हैं, लेकिन कुछ ऐसा कर गुजर,

की जब पलटे तू ही पन्ने अपने जीवन की किताब के,

फक्र से तेरा सीना चोडा हो जाये.



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