Saturday, July 18, 2015

क्रांति की ज्वाला .....


"वक़्त आ गया हैं जब हम बदलेंगे तब ये सूरत ऐ हाल बदलेगी !
हर क्रांति की ज्वाला हमसे ही पहले निकलेगी !! 

बदलना हैं हमें सब कुछ अब हमने ठान ली हैं!
यूं घिसट घिसट कर जीने से ज़िन्दगी नहीं जीनी !!

राह में आएंगे रोड़े और पहाड़ भी !
कितनी बार साँस भी फूलेगी और दम तोड़ेगा हौंसला भी !! 

मगर यूँ देखते रहने से हालात बदलने वाले नहीं !
हाथ पर हाथ रखे रहने से कुछ सुधरने वाला नहीं !!

वक़्त आ गया हैं जब हम बदलेंगे तब ये सूरत ऐ हाल बदलेगी !
हर क्रांति की ज्वाला हमसे ही पहले निकलेगी !! 

रावणो को भी अब सोचना होगा,कुम्भकर्णो को नींद से जागना होगा !
हर एक को अब राम बनना होगा !!

माना लम्बी लड़ाई हैं , मगर कदम तो उठाना होगा !
घुप्प अँधेरी रात है  दीया तो जलाना होगा !!

बदलना होगा सबको , अपने अंदर के इंसान को जगाना होगा !
खुद के अंदर की कुंठा को शोलो से दहकाना होगा !! 

सुधर जाओ नरकासुरो अब, माँ बहने सब जाग गयी हैं !
होश में आओ हुक्मरानो , जनता हिसाब मांगना सीख गयी हैं !!

वक़्त आ गया हैं जब हम बदलेंगे तब ये सूरत ऐ हाल बदलेगी !
हर क्रांति की ज्वाला हमसे ही पहले निकलेगी !! "

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