Thursday, June 23, 2016

अाधुनिक कहकहे - भाग -४

गुस्से  को काबू मे रखिए , बोलते रखिए ध्यान !१!
गलती हो जाए तो मान लीजिए , नही घटेगा मान !२!
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हुनर बढ़ाते रहिए , तरकश मे  बढ़े  तीर !१!
जीवन  सफर का वही सच्चा वीर !२!
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सूरज छुप जाए बादलो मे , रात नही होती !१!
आ जाए थोड़ा परेशानी , ज़िंदगी बोझ नही होती !२!
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जीवन मंत्र यही हैं , धीरज रखिए साथ !१!
मौके न गवांये , खुले रखिए आंख और कान   !२!
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सोच सोच कर न कीजिए अपने दिमाग को परेशान !१!
कर्मो से अपने उठा दीजिए तूफान !२ !
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राजदार बनाये उसी को , जो बात पचा पाय !१!
वरना ढिढोरा पीटे , जग आप पर मुस्काय !२!
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जब छा जाए घनघोर निराशा , बात रखिए एक ध्यान !१!
खुशियाँ देने से पहले , भगवान ले रहा इम्तेहान !२!
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नौकरी कोई भी हो , सिद्दत से करिए काम !१!
बॉस से बना कर रखिए , नही तो काम तमाम !२!
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चुगलखोरो और झूठो से हरदम रहे सावधान !१!
अपने स्वार्थ के लिए कर सकते हैं ये परेशान !२!
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अतीत को सोचकर कोई फायदा नही , बीत गयी वो बात !१!
 भविष्य वक्त के गर्भ मे हैं , जी लीजिए बस आज !२!

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