नाज है बेटियो पर आज हिंदुस्तान को !
साक्षी और सिंधु ने लाज बचायी हैं !!
रियो के खेलकुंभ में आपने ही !
विजय पताका फहराई हैं !!
जब रियो में तुमने तिरंगा फहराया !
भारत का एक एक कोना गौरव से फूला समाया !!
जब जब हिंदुस्तान की इज़्ज़त की बात आयी हैं !
धन्य हैं इस माटी की , बेटियाँ ही काम आयी हैं !!
लड़की को बोझ समझने वालो के मुहं पर !
ये एक जोरदार तमाचा हैं !!
सिंधु और साक्षी आज सारे हिंदुस्तान को !
तुम दोनों पर फख्र हैं !!
Anand is Poet, a conscientious writer , a whole hearted professional.
ReplyDeleteEvery time he blogs with a social and natural relevance. hope in the coming years he would bring out more from his soul.With best wishes,