1
अच्छा
है , दिमाग को भूलने की बीमारी है
सोचो
, सब याद रहता तो न जाने क्या होता।
2
कुछ
मसले , यूँ ही हल नहीं होते।
एक
ही समय में , दोनों को "मैं " नहीं " हम " होना पड़ता है।
बदलते
दौर में इश्क की बुनियाद , हिल सी गयी है
,
रूहानी
न होकर अब , जिस्म पर टिक गयी है।
4
उड़ेंगे वही जिनके पंख होंगे ,
चाहने
भर से आसमां नहीं नापा जाता।
5
किसने
कहा "वो " नहीं सुनता ,
दिल
से आवाज कब लगाई थी।
मत
मुस्करा किसी की लाचारी पर ,
वक्त
ने पढ़ाया है पाठ कइयो को।
जो
खाते थे कसमें हर हाल में साथ निभाने की ,
ग़ुरबत
के दिन क्या आये , निकल लिए।
8
सुना
था तेरा शहर बड़ा संजीदा है ,
एक
चौराहे से अभी अभी बचकर लौटा हूँ मैं।
9
किताबी
बातों को सच मान लेते तो ,
न
जाने कैसे जीते इस जहाँ में।
10
"सच"
बोलते है ,
इसीलिए
बहुतो को खटकते है।