दूषित जल ,
कंक्रीट के जंगल ,
जहरीली हवा ,
अनुपजाऊ जमीन ,
विषाक्त फल।
छोड़ जायेंगे इनके सहारे ,
बंद कमरे ,
गैजेट्स ,
एटम बम ,
कृत्रिम साँसे ,
अदकच्चा , अदपक्का जीवन।
शेखी हमारी ,
उन्नति की ,
नई पीढ़ी को ,
पंगु कर जायेगी ,
प्रकृति से दूर ,
कृत्रिम दुनिया में ,
कब तक जीवित ,
रह पायेगी।
Thought provoking poem
ReplyDelete