Thursday, June 13, 2019

बचपन की यारी


चल , भागते है 
कटी पतंग लाते है , 
आ जरा , पानी में छपकी , 
दोनों पैरो से लगाते है।  

थक गया , मेरे कंधे में हाथ रख , 
स्कूल जाते है , 
रास्ते में वो आम का पेड़ है न , 
दो चार आम चुराते है।  

फिक्र मत कर होम वर्क की , 
मैं भी फाड़ देता हूँ , 
चल , क्लास में दोनों , 
साथ में डाँट खाते है।  

आज मैं तेरी पसंद की सब्जी लाया हूँ , 
दोनों मिलकर खाएंगे , 
तेरे घर की रोटी में बहुत स्वाद है , 
मिलकर मौज उड़ायेंगे।  

जब मैं बड़ा होऊँगा , 
बहुत बड़ा आदमी बनूँगा , 
तू फिक्र मत कर , 
तुझे भी साथ रखूँगा।  

छुट्टी के बाद , 
साथ घर वापस जायेंगे , 
उसने कल पन्गा किया था न , 
आज उसको मिलकर मजा चखायेंगे।  

देखना , एक दिन हमारा राज होगा ,
हमारी दोस्ती पर नाज होगा , 
छू लेंगे आसमान भी  , 
जब तू मेरे साथ होगा।  

फोटो साभार - गूगल 

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